उत्तर प्रदेश में सरकार ने अपने प्रशासनिक तंत्र को सरल, पारदर्शी और ग्रामीण जनता के करीब लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब राज्य में जाति, आय, और निवास प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए लोगों को तहसीलों के लंबे-चौड़े चक्कर काटने की आवश्यकता नहीं होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस संबंध में विशेष निर्देश दिए हैं कि ये सभी आवश्यक प्रमाण-पत्र ग्राम पंचायत सचिवालय से ही जारी किए जाएं।
इससे न केवल जनता को सुविधा मिलेगी बल्कि सरकारी योजनाओं का लाभ सरलता से मिल सकेगा। इस नई व्यवस्था का उद्देश्य मुख्य रूप से ग्रामीण स्तर पर प्रशासनिक कामकाज को अधिक सुचारू बनाना और भ्रष्टाचार एवं दलाल तंत्र पर रोक लगाना है।इस नए नियम के तहत ग्राम पंचायत सचिवालय को मिनी प्रशासनिक केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।
इससे ग्रामीण नागरिक अपने दस्तावेज बनवाने, प्रमाण-पत्र प्राप्त करने और अन्य सरकारी सेवाओं का लाभ एक ही स्थान से उठा सकेंगे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कड़ा निर्देश दिया है कि किसी भी गरीब की जमीन पर कोई अवैध कब्जा न हो और जहां ऐसे कब्जे हैं, उन्हें तुरंत हटाने के लिए कार्रवाई हो। साथ ही सामाजिक संचार माध्यमों पर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ भी सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि कानून-व्यवस्था बनाए रखी जा सके।
UP Certificate System 2025: New Update
जाति प्रमाण-पत्र, आय प्रमाण-पत्र और निवास प्रमाण-पत्र ऐसे दस्तावेज हैं जो राज्य सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं और सरकारी सेवाओं से लाभ पाने के लिए आवश्यक होते हैं। इन प्रमाण-पत्रों के बिना लोग सरकारी स्कॉलरशिप, नौकरी में आरक्षण, विभिन्न सामाजिक व आर्थिक योजनाओं का लाभ नहीं उठा सकते।
अब तक इन प्रमाण-पत्रों के लिए नागरिकों को तहसीलों की लंबी कतारों में घंटों लगाना पड़ता था, जिससे गरीब और असहाय लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। सीएम योगी के निर्देशानुसार ये सभी प्रमाण-पत्र ग्राम पंचायत सचिवालयों से जारी होंगे जिससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को तुरंत और बिना बाधा के सेवा मिल सके।
ग्राम पंचायत सचिवालयों को इस प्रकार सशक्त बनाया जाएगा कि वहां से आय, जाति और निवास प्रमाण-पत्र के साथ-साथ लोगों को अन्य सरकारी योजनाओं की जानकारी और सेवाएं भी उपलब्ध हों, ताकि ग्रामीण स्तर पर प्रशासन और सरकार की सहूलियत पहुँच सके।
जाति प्रमाण पत्र की जानकारी
जाति प्रमाण पत्र अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और अन्य वर्गों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण दस्तावेज है। इसके माध्यम से लोग सरकारी नौकरियों, उच्च शिक्षा, छात्रवृत्ति और अन्य कल्याणकारी योजनाओं में आरक्षण का लाभ उठा सकते हैं।
जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदक को आधार कार्ड, राशन कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, स्वघोषणा पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो और स्थानीय पंचायत या पार्षद द्वारा जारी प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज प्रस्तुत करने होते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने जाति प्रमाण पत्र बनवाने का आवेदन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से सरल कर दिया है। ऑनलाइन आवेदन ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल के माध्यम से किया जा सकता है।
आय प्रमाण पत्र की प्रक्रिया
आय प्रमाण पत्र उस व्यक्ति की वार्षिक आय का दस्तावेज होता है जो विभिन्न सरकारी लाभों, छात्रवृत्ति, बैंक लोन, और सामाजिक कल्याण योजनाओं के लिए आवश्यक है। पूर्व में यह प्रमाण-पत्र तहसील या जिला प्रशासन कार्यालय से बनवाना पड़ता था, लेकिन अब यह भी ग्राम पंचायत सचिवालय से प्राप्त हो सकेगा।
आय प्रमाण पत्र बनवाने के लिए राशन कार्ड, पहचान पत्र, बैंक पासबुक, वेतन पर्ची (यदि वेतनभोगी हो), स्व-घोषणा पत्र और ग्राम प्रधान का पत्र आवश्यक होता है। यह प्रमाण पत्र आम जनता की आर्थिक स्थिति को सही तरीके से दर्शाता है और इससे समाज के कमजोर वर्गों को मदद मिलती है।
निवास प्रमाण पत्र की जानकारी
निवास प्रमाण पत्र यह साबित करता है कि व्यक्ति उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी है। यह प्रमाण-पत्र राज्य सरकार की नौकरी, छात्रवृत्ति, अन्य सरकारी कार्यों तथा कानूनी कागजी कार्रवाई के लिए जरूरी होता है।
निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदकों को स्थानीय नगरपालिका, ग्राम पंचायत या कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) से आवेदन करना होता है। इसमें आवेदक के स्थायी निवास की पुष्टि की जाती है। अब इस प्रमाण पत्र को भी ग्राम पंचायत स्तर पर ही जारी करने की व्यवस्था हुई है जिससे देर-राशि और परेशानी कम होगी।
प्रमाण पत्र आवेदन की सामान्य प्रक्रिया
अब तक प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए तहसीलों के चक्कर काटने होते थे, लेकिन नई व्यवस्था के तहत ग्राम पंचायत सचिवालय से यह काम आसान हो गया है। आवेदन करने के लिए आवेदक को सबसे पहले ग्राम पंचायत सचिवालय जाना होगा।
वहां से आवेदन फॉर्म प्राप्त करें, उसमें अपनी व्यक्तिगत जानकारी, आय या जाति आदि के विवरण भरें। आवश्यक दस्तावेजों की फोटोकॉपी आवेदन पत्र के साथ जमा करें। फॉर्म जमा करने के बाद अधिकारी आपकी जानकारी का सत्यापन करेंगे। सत्यापन हो जाने पर प्रमाण-पत्र जारी कर दिया जाएगा।
यदि कोई व्यक्ति ऑनलाइन आवेदन करना चाहता है तो उत्तर प्रदेश सरकार का ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल उपलब्ध है, जहां पर भी आवेदन कर डिजिटल रूप में प्रमाण-पत्र प्राप्त किया जा सकता है।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश सरकार की यह नई पहल ग्रामीण जनता के लिए एक बड़ी राहत साबित होगी। इससे प्रमाण-पत्र बनवाने की प्रक्रिया सरल और सुविधाजनक बनेगी। तहसीलों के चक्कर काटने की जरूरत समाप्त होने से आम जनता का समय और मेहनत दोनों बचेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह कदम प्रशासनिक सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है जो भ्रष्टाचार को कम करने और सेवाओं को जनसामान्य के करीब लाने में मददगार होगा।