नई दिल्ली में औद्योगिक विकास के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है। दिल्ली सरकार ने राजधानी में तीन नए औद्योगिक क्षेत्रों के विकास का प्रस्ताव तैयार किया है। यह प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट की बैठक में पेश किया जाएगा।
इन नए औद्योगिक क्षेत्रों की वजह से न केवल दिल्ली की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा बल्कि लाखों नए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। इन इंडस्ट्रियल एरिया का विकास राजधानी को तकनीकी और औद्योगिक रूप से सशक्त बनाने में मदद करेगा। इस परियोजना में इन तीन औद्योगिक क्षेत्रों का चुनाव हुआ है – कंझावला, रानीखेड़ा और बापरोला।
ये इलाके आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), बायोटेक्नोलॉजी और एडवांस्ड रोबोटिक्स जैसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों पर आधारित उद्योगों के लिए प्राथमिकता देंगे। इस योजना के तहत केवल फैक्ट्रियों तक ही सीमित नहीं रहकर, इन क्षेत्रों को सैटेलाइट टाउन के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसमें ऑफिस, आवासीय परिसर, सामुदायिक केंद्र, होटल, बाजार और क्लब जैसी सुविधाएं भी होंगी।
Delhi Industrial Growth 2025: Full Details
दिल्ली सरकार की योजना के अनुसार, ये तीन नए औद्योगिक क्षेत्र कुल मिलाकर लगभग 1200 एकड़ जमीन में फैले होंगे। कंझावला क्षेत्र सबसे बड़ा होगा, जिसके अंतर्गत 920 एकड़ में औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जाएगा। रानीखेड़ा में 147 एकड़ में एक बड़ा औद्योगिक हब बनेगा, जबकि बापरोला में 137 एकड़ क्षेत्र में ‘वर्ल्ड क्लास इलेक्ट्रॉनिक सिटी’ बनाने की योजना है। तीनों क्षेत्रों में पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए हरित स्थान, नवीकरणीय ऊर्जा, कचरा प्रबंधन प्रणाली जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
यह परियोजना पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर आधारित है। इसका उद्देश्य निजी क्षेत्र की विशेषज्ञता के साथ सरकारी सहयोग से तेजी से और प्रभावी ढंग से विकास को अंजाम देना है। उद्योग मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा है कि सरकार इस योजना के अंतर्गत इन क्षेत्रों में तकनीकी उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान करेगी। उनके मुताबिक, यह वित्तीय सहायता नई तकनीकों पर आधारित उद्योगों के प्रसार को बहुत तेजी से बढ़ाएगी।
किन सेक्टरों को मिलेगी प्राथमिकता?
नई योजना में मुख्य रूप से उन उद्योगों को प्राथमिकता दी जाएगी जो नई-नई टेक्नोलॉजी पर आधारित हैं। इनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), बायोटेक्नोलॉजी, एडवांस्ड रोबोटिक्स, एवं इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर प्रमुख हैं। विशेष रूप से बापरोला इलाक़े को इलेक्ट्रॉनिक सिटी बनाने की योजना है, जहां नवीनतम इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के निर्माण और विकास पर जोर दिया जाएगा।
सरकार इन उद्योगों के लिए आकर्षक आर्थिक प्रोत्साहन भी प्रदान करेगी। इसमें शुरुआती पांच सालों में पूंजी निवेश की 50% वापसी, 6% ब्याज सब्सिडी, पेटेंट फाइलिंग पर 5 लाख रुपये तक की लागत वापसी, व बिजली खरीद पर ट्रांसमिशन और व्हीलिंग शुल्क में 50% छूट शामिल हैं। यह मदद कारोबारियों और निवेशकों को दिल्ली में निवेश के लिए प्रोत्साहित करेगी।
औद्योगिक नीति और सरकारी सहायता
दिल्ली सरकार ने नई औद्योगिक नीति 2025-35 का मसौदा भी तैयार किया है, जिसमें दिल्ली को वैश्विक व्यापार केंद्र बनाना प्रमुख लक्ष्य है। इस नीति के तहत प्रदूषण-मुक्त औद्योगिक क्षेत्रों का विकास, सीमित भूमि का कुशल उपयोग और कुशल जनशक्ति का विकास शामिल है। नीति में अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों और शोध संस्थानों के साथ साझेदारी करने पर जोर दिया गया है।
नई नीति के अंतर्गत ‘निवेशक सुविधा केंद्र’ बनाए जाएंगे, जो निवेशकों को त्वरित मंजूरी देने और विभागों के बीच समन्वय सुनिश्चित करेंगे। इसका उद्देश्य निवेशकों के लिए प्रक्रिया को सरल बनाना है, जिससे निवेश तेज़ी से हो सके। साथ ही दिल्ली सरकार उद्योगों की शिकायतों के समाधान के लिए ‘जन सुनवाई’ कार्यक्रम भी शुरू करेगी, ताकि उद्योगों के सामने आने वाली समस्याओं को तुरंत सुलझाया जा सके।
आवेदन और लाभ
इस योजना में हिस्सा लेने वाले निवेशकों और उद्योगों को सरकार की ओर से कई रियायतें दी जाएंगी। उद्योग जो AI, बायोटेक्नोलॉजी, एडवांस्ड रोबोटिक्स, इलेक्ट्रॉनिक निर्माण जैसे नवाचार आधारित क्षेत्रों से संबद्ध हैं, उन्हें विशेष प्रोत्साहन मिलेगा। आवेदन प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी और इससे जुड़ी सभी जानकारियां दिल्ली उद्योग विभाग की आधिकारिक घोषणाओं के माध्यम से साझा की जाएंगी।
सरकार के यह कदम न सिर्फ दिल्ली के औद्योगिक विकास को बढ़ावा देंगे, बल्कि लाखों लोगों को रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेंगे। इसके साथ ही पर्यावरण के अनुकूल और स्मार्ट औद्योगिक क्षेत्रों के निर्माण से राजधानी में जीवन की गुणवत्ता भी सुधरेगी।
निष्कर्ष
दिल्ली में तीन नए औद्योगिक क्षेत्रों के निर्माण से राजधानी का औद्योगिक और तकनीकी विकास नए आयाम छूने वाला है। इस योजना के जरिए न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि दिल्ली को नवाचार और उन्नत तकनीकी उद्योगों का केंद्र बनाने में भी मदद मिलेगी। सरकार की वित्तीय सहायता और आधुनिक नीति इस विकास को और सक्षम बनाएंगी। यह योजना दिल्ली के आर्थिक और सामाजिक विकास में बड़ा योगदान देगी।