शिक्षक बनने की चाह रखने वाले युवाओं के लिए बड़ी खबर है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने एक वर्षीय बैचलर ऑफ एजुकेशन (B.Ed) कोर्स को फिर से शुरू करने का फैसला किया है। यह बदलाव नई शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के अनुरूप है और शैक्षणिक सत्र 2026-27 से लागू होगा। इसके तहत चार साल की ग्रेजुएशन या पोस्टग्रेजुएशन कर चुके छात्र सीधे एक साल के B.Ed कोर्स में दाखिला ले सकेंगे। इससे उनका समय और पैसा दोनों बचेगा।
इस नए नियम के तहत दो वर्षीय B.Ed कोर्स भी जारी रहेगा, लेकिन वह उन छात्रों के लिए होगा जिन्होंने तीन साल की ग्रेजुएशन पूरी की है। NCTE ने इस बदलाव का उद्देश्य शिक्षक प्रशिक्षण में लचीलापन लाना और गुणवत्तापूर्ण शिक्षकों की भर्ती को बढ़ावा देना बताया है। इसके लिए नए मानक और पाठ्यक्रम भी तैयार किए जा रहे हैं।
NCTE एक वर्षीय B.Ed कोर्स: मुख्य जानकारी
NCTE ने एक वर्षीय B.Ed कोर्स को फिर से शुरू करने का ऐलान किया है। यह फैसला नई शिक्षा नीति 2020 के तहत लिया गया है। इसका मकसद उच्च शिक्षा में लचीलेपन को बढ़ावा देना और योग्य शिक्षकों की आपूर्ति को सुनिश्चित करना है। इस कोर्स के जरिए छात्र जल्दी शिक्षक बनकर पेशेवर जीवन की शुरुआत कर सकेंगे।
NCTE ने इस बारे में ड्राफ्ट नियम 2025 जारी किए हैं। इन नियमों में एक वर्षीय B.Ed कोर्स के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इसके तहत शिक्षण संस्थानों को बहुविषयक (मल्टीडिसिप्लिनरी) होना अनिवार्य किया गया है। इसके अलावा, एक वर्षीय M.Ed कोर्स को भी फिर से शुरू करने की घोषणा की गई है।
योजना का ओवरव्यू
विवरण | जानकारी |
कोर्स का नाम | बैचलर ऑफ एजुकेशन (B.Ed) – एक वर्षीय |
नियामक संस्था | राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) |
शुरुआत का समय | शैक्षणिक सत्र 2026-27 |
लाभार्थी | चार साल की ग्रेजुएशन या पोस्टग्रेजुएशन कर चुके छात्र |
पात्रता | चार साल की ग्रेजुएशन या पीजी डिग्री |
अवधि | 1 वर्ष (36 अकादमिक सप्ताह) |
क्रेडिट | 40 क्रेडिट यूनिट |
प्रवेश प्रक्रिया | राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा (NCET) के जरिए |
मुख्य शर्तें और पात्रता
एक वर्षीय B.Ed कोर्स में दाखिले के लिए कुछ सख्त शर्तें रखी गई हैं। सबसे महत्वपूर्ण शर्त यह है कि छात्र के पास चार साल की ग्रेजुएशन डिग्री होनी चाहिए। यह डिग्री नई शिक्षा नीति 2020 के तहत होनी चाहिए। इसके अलावा, जो छात्र पोस्टग्रेजुएशन (पीजी) की डिग्री ले चुके हैं, वे भी इस कोर्स के लिए पात्र हैं।
तीन साल की ग्रेजुएशन करने वाले छात्र अभी भी दो वर्षीय B.Ed कोर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसका मतलब है कि दो वर्षीय कोर्स अभी बंद नहीं किया गया है। एक वर्षीय कोर्स को एक उन्नत स्तर का पाठ्यक्रम माना जा रहा है, जो अधिक योग्य छात्रों के लिए है।
- चार साल की ग्रेजुएशन डिग्री धारक पात्र हैं।
- पोस्टग्रेजुएशन (पीजी) डिग्री धारक पात्र हैं।
- तीन साल की ग्रेजुएशन डिग्री धारक केवल दो वर्षीय कोर्स के लिए पात्र हैं।
- छात्रों को राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा (NCET) में शामिल होना होगा।
- शिक्षण संस्थान बहुविषयक होने चाहिए।
- शिक्षकों की योग्यता और अनुभव पर भी जोर दिया जाएगा।
नए नियमों के फायदे
इन नए नियमों के कई फायदे हैं। सबसे बड़ा फायदा यह है कि योग्य छात्र अपना समय बचा सकेंगे। चार साल की ग्रेजुएशन के बाद सीधे एक साल का B.Ed करके वे जल्दी नौकरी शुरू कर सकते हैं। इससे उनके पैसे भी बचेंगे।
दूसरा फायदा यह है कि शिक्षक प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार होगा। केवल अधिक योग्य छात्र ही एक वर्षीय कोर्स में दाखिला ले पाएंगे। इससे कक्षा में पढ़ाने वाले शिक्षकों का स्तर ऊंचा होगा। इसके अलावा, बहुविषयक संस्थानों में पढ़ाई करने से छात्रों को विभिन्न विषयों का ज्ञान मिलेगा।
आवेदन प्रक्रिया
आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन मोड में होगी। छात्रों को NCTE या राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा। सबसे पहले उन्हें राष्ट्रीय सामान्य प्रवेश परीक्षा (NCET) के लिए रजिस्ट्रेशन करना होगा। इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद ही वे विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए आवेदन कर सकेंगे।
दाखिले की प्रक्रिया विश्वविद्यालयों के अनुसार अलग-अलग हो सकती है। छात्रों को अपनी योग्यता के अनुसार उचित संस्थान का चयन करना चाहिए। आवेदन के समय उन्हें अपनी डिग्री की नकल, अंक पत्र और अन्य आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होंगे।
भविष्य की योजनाएं
NCTE ने भविष्य के लिए कई योजनाएं बनाई हैं। इसमें चार साल का एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (ITEP) भी शामिल है। इस कोर्स में छात्र एक साथ बैचलर ऑफ आर्ट्स (B.A) या बैचलर ऑफ साइंस (B.Sc) और B.Ed की डिग्री ले सकते हैं। इसके अलावा, योग, शारीरिक शिक्षा और संस्कृत शिक्षा जैसे विषयों में भी विशेषीकरण के अवसर होंगे।
एक वर्षीय M.Ed कोर्स को भी फिर से शुरू किया जा रहा है। यह कोर्स उन शिक्षकों के लिए होगा जो अपनी शैक्षणिक योग्यता को और बेहतर बनाना चाहते हैं। इससे शिक्षण क्षेत्र में उच्च शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा।