दिल्ली: दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब रेल पुल का उद्घाटन जून 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया, जो कश्मीर की आर्थिक तरक्की में नई रफ्तार लेकर आया है। यह पुल जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर बना है और उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस परियोजना से कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ा गया है, जिससे यात्रियों और मालवाहकों को सुविधा मिली है।
इस सेतु की ऊंचाई 359 मीटर है, जो पेरिस के एफिल टॉवर से भी 35 मीटर अधिक है, और यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज है। इस पुल के बनने के बाद कश्मीर की आर्थिक स्थिति काफी बेहतर हुई है। बेहतर रेल कनेक्टिविटी से कश्मीर के सेब, सूखे मेवे, पश्मीना शॉल और हस्तशिल्प को देश के प्रमुख बाजारों तक सस्ता और तेजी से पहुंचाने में मदद मिली है।
साथ ही टूरिज्म को भी बढ़ावा मिला है, जिससे स्थानीय उद्योगों और व्यापार को मजबूती मिली है। इस सेतु के जरिए जम्मू-कश्मीर में रोजगार के नए अवसर खुल गए हैं, जो युवा वर्ग के लिए खासा लाभकारी सिद्ध हो रहे हैं।
New Delhi Chinab Bridge: Latest Details
चिनाब रेल पुल जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में चिनाब नदी पर बना एक इस्पात और कंक्रीट से निर्मित मेहराब पुल है। इसकी लंबाई 1315 मीटर और चौड़ाई 13 मीटर है। इस पुल की मुख्य मेहराब की लंबाई 467 मीटर है। इसे मजबूत बनाने के लिए लगभग 28,000 मीट्रिक टन स्टील और 6 लाख से अधिक बोल्ट का उपयोग किया गया है। पुल का डिजाइन ऐसा है कि यह 266 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं का सामना कर सकता है और ब्लास्ट-प्रूफ बनाया गया है।
यह पुल भारतीय रेलवे की तकनीकी उत्कृष्टता का प्रतीक है। इसे बनाने में कई चुनौतियाँ आईं, जैसे कि हिमालयी क्षेत्र की कठिन भौगोलिक स्थिति और तेज़ मौसम की समस्या। इस पुल का निर्माण 2002 में मंजूरी मिलने के बाद 2017 में शुरू हुआ और अगस्त 2022 में यह पूरा हुआ। इसका ट्रायल रन जून 2024 में सफलतापूर्वक हुआ था।
चिनाब पुल केवल एक पुल नहीं है, बल्कि यह जम्मू-कश्मीर में स्थायी और भरोसेमंद रेलवे कनेक्टिविटी का प्रतीक है। यह रेल लिंक कटरा से श्रीनगर तक के सफर को लगभग तीन घंटे तक कम कर देता है। इस पुल के माध्यम से लद्दाख, जम्मू और कश्मीर में सेना की तैनाती और आपूर्ति भी तेज और सुरक्षित होगी, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को भी मजबूती मिलेगी।
आर्थिक और सामाजिक लाभ
चिनाब रेल पुल कश्मीर की आर्थिक तरक्की में क्रांतिकारी साबित होगा। इससे क्षेत्र के पारंपरिक उत्पाद, जैसे कि सेब, सूखे मेवे, पश्मीना शॉल और हस्तशिल्प को देश भर में आसानी से पहुंचाया जाएगा। इससे स्थानीय कारीगरों और व्यापारियों को मजबूती मिलेगी। बेहतर ट्रांसपोर्टेशन से पर्यटन को भी नई ऊँचाई मिलेगी, जिससे होटल, टैक्सी सेवा और हैंडीक्राफ्ट उद्योगों को फायदा होगा।
इस परियोजना का हिस्सा उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक लगभग 272 किलोमीटर लंबा है, जिसमें 36 सुरंगें और 943 पुल शामिल हैं। सरकार ने इस परियोजना पर करीब 43,780 करोड़ रुपये का निवेश किया है। यह परियोजना जम्मू-कश्मीर को पूरे साल रेलमार्ग से जोड़ती है, जिससे लोगों की आवाजाही सुगम और तेज हुई है।
उच्च तकनीकी सुरक्षा के साथ, यह पुल भूकंप, तेज़ हवाओं और विस्फोटों को सहने के लिए बनाया गया है। इसका निर्माण एक बहुआयामी रणनीति का हिस्सा है, जो आतंकवाद पर प्रभावी नियंत्रण के साथ-साथ क्षेत्र के समग्र विकास को सुनिश्चित करता है।
परियोजना की सरकारी पहल और महत्व
यह परियोजना भारत सरकार की महत्वाकांक्षी “उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL)” योजना का एक अहम हिस्सा है। इस योजना का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर को देश के रेल नेटवर्क के साथ जोड़ना और क्षेत्र की आर्थिक व सामाजिक प्रगति को बढ़ावा देना है। यह रेल कनेक्टिविटी जम्मू और कश्मीर के लिएियों के लिए नए रोजगार, बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएँ और व्यापार के अवसर उपलब्ध कराने में सहायक होगी।
सरकार ने इस परियोजना में अत्याधुनिक तकनीक और संसाधनों का उपयोग किया है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि पुल टिकाऊ और सुरक्षित हो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन के दौरान इस पुल को “समृद्धि के उत्प्रेरक” और “नई उम्मीदों का प्रतीक” करार दिया। इसके साथ ही यह पुल सीमा सुरक्षा की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भारतीय सेना को सीमा क्षेत्र तक तेज़ी से पहुँचाने में मदद करेगा।
निष्कर्ष
चिनाब रेल पुल न केवल कश्मीर की भौगोलिक बाधाओं को पार कर रहा है, बल्कि यह वहां की आर्थिक, सामाजिक और सुरक्षा चुनौतियों का भी समाधान प्रस्तुत कर रहा है। यह परियोजना कश्मीर की विकास यात्रा को नई दिशा दे रही है और क्षेत्र की खुशहाली के लिए उम्मीद जगाती है। इससे कश्मीर के युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे और आतंकवाद से लड़ाई में भी मदद मिलेगी। इस पुल ने कश्मीर को देश से जोड़ते हुए विकास की नई सुबह का द्वार खोल दिया है।