पीएम ग्रामीण आवास योजना की नई सर्वे और लाभार्थी सूची से जुड़ी पूरी जानकारी यहां दी गई है। यह योजना भारत सरकार की सबसे महत्वपूर्ण ग्रामीण विकास योजनाओं में से एक है, जिसका उद्देश्य हर ग्रामीण परिवार को पक्का घर उपलब्ध कराना है। हाल ही में सरकार द्वारा ग्रामीण इलाकों में एक बड़ा सर्वे पूरा किया गया है, जिसके तहत लाभार्थियों की नई सूची तैयार की गई है।
इस सर्वे का मकसद यह पता लगाना था कि अब तक किन परिवारों को घर नहीं मिला है और कौन से परिवार सरकारी सहायता के पात्र हैं। कई जगह पर पुराने डेटा में सुधार भी किया गया है, ताकि वास्तविक पात्र लोगों तक लाभ पहुंचाया जा सके। ऐसे में अगर आपने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (PMAY-G) के तहत आवेदन किया था, तो यह जानना बहुत जरूरी है कि क्या आपका नाम नई सूची में शामिल हुआ है या नहीं।
अब तक लाखों लोगों को इस योजना के तहत घर मिल चुके हैं और केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2025 तक हर बेघर ग्रामीण परिवार को पक्का घर मिले। इसलिए यह लेख बताएगा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना क्या है, सर्वे कैसे पूरा हुआ, कौन पात्र है, और आप ऑनलाइन लाभार्थी सूची कैसे देख सकते हैं।
PM Awas Yojana Gramin 2025
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) यानी PMAY-G एक केंद्रीय सरकारी योजना है, जिसे ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत चलाया जाता है। इस योजना की शुरुआत 2016 में पुराने “इंदिरा आवास योजना” की जगह पर की गई थी। उद्देश्य था कि जिन ग्रामीण परिवारों के पास कोई पक्का घर नहीं है या कच्चा घर है, उन्हें सरकार की सहायता से नया पक्का मकान मिल सके।
इस योजना के तहत केंद्र सरकार हर पात्र परिवार को आर्थिक सहायता देती है ताकि वह अपना खुद का स्वच्छ और मजबूत घर बना सके। सरकार की मदद सीधे पात्र परिवार के बैंक खाते में किस्तों में दी जाती है, जिससे पारदर्शिता और गति बनी रहती है।
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत प्रति घर लगभग ₹1.20 लाख से ₹1.30 लाख की सहायता दी जाती है। अगर घर पहाड़ी इलाकों में बन रहा है तो सहायता राशि ₹1.30 लाख तक होती है। घर बनाने के साथ-साथ सरकार द्वारा शौचालय निर्माण, एलपीजी कनेक्शन और बिजली कनेक्शन की सहायता भी दी जाती है।
पूरा हुआ पीएम ग्रामीण सर्वे
सरकार ने वर्ष 2024 के अंत और 2025 की शुरुआत में एक बड़ा ग्रामीण सर्वे शुरू किया था, जिसमें उन परिवारों की पहचान की गई जो अभी भी बेघर हैं या जिनका घर कच्चा है। यह सर्वे पंचायत स्तर पर किया गया था, जहां स्थानीय अधिकारियों ने हर घर की स्थिति का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किया।
इस सर्वे में ऐसे भी परिवार शामिल किए गए जो पहले किसी सामाजिक-आर्थिक जनगणना सूची में नहीं थे या जिनके नाम गलती से छूट गए थे। नए सर्वे से यह सुनिश्चित किया गया है कि कोई भी पात्र परिवार अब सरकारी सहायता से वंचित न रहे।
अब यह सर्वे पूरी तरह से कंप्लीट हो चुका है और सरकार ने नई सूची जारी कर दी है। इस सूची में उन्हीं लोगों के नाम हैं जो नए मानकों के अनुसार पात्र पाए गए हैं। जिनका नाम पहले नहीं था, उनके पास अब मौका है कि वे इस बार योजना का लाभ उठा सकें।
कैसे चेक करें बेनिफिशियरी लिस्ट
अगर आपने आवेदन किया था या जांचना चाहते हैं कि आपके गांव में किन लोगों का नाम सूची में शामिल है, तो इसके लिए ऑनलाइन प्रक्रिया बहुत आसान है। इस लिस्ट को देखने के लिए इंटरनेट के माध्यम से कुछ आसान चरण अपनाने होते हैं –
- सबसे पहले पीएम आवास योजना ग्रामीण की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- होम पेज पर “Beneficiary List” या “बेनिफिशियरी लिस्ट” का विकल्प चुनें।
- इसके बाद आपसे अपने राज्य का नाम, जिला, ब्लॉक और ग्राम पंचायत चुनने को कहा जाएगा।
- इसके बाद आपका पूरा गांव का लाभार्थी विवरण खुल जाएगा, जहां आप अपना नाम और रजिस्ट्रेशन नंबर देख सकते हैं।
- अगर आपने पहले से आवेदन किया है, तो आप रजिस्ट्रेशन नंबर डालकर भी सीधे अपने नाम की स्थिति जांच सकते हैं।
इस सूची में घर मिलने की स्थिति, किस्त की जानकारी और निर्माण की प्रगति भी दिखाई जाती है, ताकि लाभार्थी अपने घर की स्थिति पर नजर रख सके।
पात्रता के नियम और मापदंड
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण का लाभ उन्हीं परिवारों को मिलता है जो पूरी तरह बेघर हैं या जिनका घर कच्चा और रहने लायक नहीं है। इसके साथ ही जिनके परिवार के पास पक्का मकान नहीं है और वे गरीबी रेखा के नीचे आते हैं, उन्हें प्राथमिकता दी जाती है।
सामाजिक-आर्थिक जनगणना 2011 तथा नए सर्वे के आधार पर लाभार्थियों की पहचान की जाती है। सूची में विधवा महिलाएं, दिव्यांगजनों वाले परिवार, अनुसूचित जाति/जनजाति समुदाय के परिवार और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को भी प्राथमिकता दी जाती है।
सरकार लाभार्थी की आय, पारिवारिक स्थिति, और वर्तमान आवास की स्थिति देखकर अनुमोदन देती है। इसलिए अगर आपका नाम सूची में नहीं है, तो आप ग्राम पंचायत स्तर पर आपत्ति दर्ज करा सकते हैं, जहां पुनर्विचार की प्रक्रिया होती है।
सरकार से मिलने वाले लाभ
इस योजना के तहत सरकार द्वारा केवल पैसा ही नहीं बल्कि कई और सहायता भी दी जाती है। घर निर्माण के लिए अर्थिक मदद के साथ-साथ मनरेगा (MGNREGA) के तहत श्रम भी प्रदान किया जा सकता है ताकि परिवार को रोजगार का लाभ भी मिले।
घर के साथ स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण की सुविधा, उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी कनेक्शन और सौभाग्य योजना के तहत बिजली कनेक्शन भी जोड़ा जाता है। इस प्रकार यह योजना केवल घर निर्माण भर नहीं बल्कि एक संपूर्ण जीवन सुधार कार्यक्रम बन चुकी है।
अब तक की प्रगति
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत अब तक 3 करोड़ से अधिक घर बनाए जा चुके हैं। सरकार का अनुमान है कि हालिया सर्वे और नई सूची के अनुसार 2025-26 तक यह संख्या 4 करोड़ के पार जाएगी।
डिजिटल तकनीक के उपयोग से पारदर्शिता बढ़ी है। अब निर्माण की हर तस्वीर और प्रगति रिपोर्ट ऑनलाइन दर्ज की जाती है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि सहायता राशि सही व्यक्ति तक पहुंचे और बीच में किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो।
केंद्र और राज्य सरकारों के बीच लागत का अनुपात 60:40 रखा गया है, जबकि पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों में यह अनुपात 90:10 है। यानी राज्यों की आर्थिक क्षमता को ध्यान में रखकर व्यवस्था बनाई गई है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना गांवों में जीवन बदलने वाली योजना साबित हुई है। नए सर्वे से यह सुनिश्चित हुआ है कि जो भी परिवार अब तक छूटे थे, उन्हें उनका अधिकार मिले। अगर आपने आवेदन किया है तो लाभार्थी सूची अवश्य जांचें, ताकि पता चले कि आपका नाम शामिल हुआ है या नहीं।
यह योजना न सिर्फ घर देती है, बल्कि आत्मनिर्भरता और सम्मान की भी भावना देती है। आने वाले वर्षों में सरकार का लक्ष्य हर ग्रामीण परिवार को “हर किसी के पास पक्का घर” के सपने से जोड़ना है।